Examine This Report on prem vashikaran
आगामी संस्करणों के लिए योगानन्दजी की अभिलाषाएँ
यहाँ हम आपको क्या समझाने का प्रयत्न कर रहे हैं सुनिए.
DISCLAIMER: This website as well as solutions supplied are for amusement purposes only, and there is no gambling supplied on This page.
ईश्वर का आनंद असीम है, निरंतर है, और नित्य नवीन है। जब आप उस चेतना में होते हैं तो आप का शरीर, मन, या कुछ भी आपको अशांत नहीं कर सकता- ऐसी है ईश्वर की कृपा और महिमा। जो कुछ भी आप समझ नहीं पाए हैं; जो कुछ भी आप जानना चाहते हैं, वह सब आपको स्पष्ट कर देंगे।
हममें से बहुत कम लोग जानते हैं कि हम जीवन में कितना कुछ ले सकते हैं, यदि हम उसका उचित रूप से, विवेक पूर्णता और मितव्ययता से उपयोग करें। आइए, हम अपने समय का लाभ उठाएँ– हमारे जागृत होने से पहले ही जीवन काल समाप्त हो जाता है, और इसी कारण हम ईश्वर प्रदत्त अविनाशी समय के महत्त्व को अनुभव नहीं कर पाते।
जब मन और भावनाओं को भीतर की ओर मोड़ दिया जाता है, आप ईश्वर के आनन्द को अनुभव करना प्रारम्भ करते हैं । इन्द्रियों के आनन्द स्थाई नहीं हैं; परन्तु ईश्वर का आनन्द शाश्वत है। यह अतुलनीय है।
चाहे जीवन आपको एक ही साथ वह सब कुछ दे भी दे जिसकी आपको इच्छा थी-धन, शक्ति, मित्र- तो कुछ समय पश्चात् आप पुनः असन्तुष्ट हो जाएंगे तथा, कुछ और अधिक चाहेंगे। परन्तु एक ऐसी वस्तु है जो आपके लिए कभी नीरस नहीं हो सकती अर्थात् आनन्द स्वयं। सुख जो कि आनन्दप्रद ढंग से विविध प्रकार का है, यद्यपि इसका सार-तत्त्व अपरिवर्तनीय है, यह ऐसी आन्तरिक अनुभूति है जिसे प्रत्येक व्यक्ति खोज रहा है। चिरस्थाई, नित्य नवीन आनंद ईश्वर है। इस आनंद को अपने भीतर प्राप्त करके, आप इसे प्रत्येक बाह्य वस्तु में भी पाएंगे। ईश्वर में आप चिरस्थाई अक्षय परमानन्द के भंडार को प्राप्त करेंगे।
Its key system is sound sterling silver and silver gilt, although its plinth is crafted from malachite, a semi-valuable stone. The plinth features a silver click here band about its circumference, upon which the names with the title-successful clubs are outlined. The green of the malachite signifies the inexperienced subject of Enjoy.[288] The design of the trophy relies around the heraldry of Three Lions that is definitely linked to English football.
हमारे साधू संतों और ग्रंथों के मुताबिक केवल परमात्मा ही आपको इस जीवन – मरण के चक्कर से छुटकारा दिला सकते हैं. मतलब आपको पूरी तरह से मुक्ति दिला सकते हैं.
हमारा पूरा जीवन कब और कैसे होता है ये बात तो केवल भगवान् ही बता सकते हैं. पर इतना तय है की असली जीवन का अंत तो होता ही नहीं है.
Your browser isn’t supported any more. Update it to get the very best YouTube knowledge and our most up-to-date options. Find out more
In October 2024 it had been noted that the government is planning to grant the independent regulator authority to halt Premier League golf equipment from selling their stadiums to affiliated or third-party businesses.[233]
मैं आपको सच्चाई से बताता हूँ कि मुझे सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए हैं, मनुष्य के द्वारा नहीं, अपितु ईश्वर के द्वारा। वे हैं। वे हैं। यह उनकी चेतना है जो मेरे माध्यम से आपसे वार्त्तालाप करती है। यह उनका ही प्रेम है जिसके विषय में मैं बोलता हूँ। रोमांच पर रोमांच! मृदुल शीतल पवन की भाँति उनका प्रेम आत्मा में अनुभव होता है। दिन और रात, सप्ताह-प्रति-सप्ताह, वर्ष प्रति वर्ष, यह बढ़ता ही जाता है- आप नहीं जानते कि इसका अन्त कहाँ है। और आप में से प्रत्येक व्यक्ति इसी की खोज कर रहा है। आप सोचते हैं कि आपको मानवीय प्रेम और समृद्धि चाहिए, परन्तु इनके पीछे तो यह परमपिता ही हैं जो आपको पुकार रहे हैं। यदि आप अनुभव करें कि वे उनके सभी उपहारों से महान् हैं तो आप उन्हें प्राप्त कर लेंगे।
देखिये जीवन तो भगवान् ने सभी प्राणियों को दिया ही है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की परमात्मा ने इंसान को क्यों बनाया. इतना तो आप सब जानते ही होंगे की सभी प्राणियों में परमात्मा ने इंसान को सर्वश्रेस्ठ बनाया है.